Raj Holkar History Notes PDF Download : Modern/Ancient/Medieval

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Raj Holkar History Notes PDF Download : Modern/Ancient/Medieval

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Indian History Notes In Hindi By Raj Holkar के आज तीनों PDF आज हम आपको Provide करा रहे हैं |

Raj Holkar History Notes PDF Download :-

Book Name Indian History Notes In Hindi By Raj Holkar 
PDF Size 5 MB
Pages 160 Pages
Quality Excellent
Formate PDF
Language Hindi
Credit “Raj Holkar”

 विद्रोह का स्वरूप

  • अंग्रेजी इतिहासकार मालेसन टेविलियन, लारेन्स, होम्स, सर जॉन लारेन्स एवं सीले के अनुसार यह केवल ‘सैनिक विद्रोह’ था।
  • टी० आर० होम्ज के अनुसार “यह बर्बरता तथा सभ्यता के बीच युद्ध था। ८ बेन्जामिन डिजरेली जो इंग्लैण्ड के समकालीन रूढ़िवादी दल का एक प्रमुख –
  • नेता तथा संसद सदस्य था, ने इसे एक “राष्ट्रीय विद्रोह” कहा है। वी० डी० सावरकर ने इस विद्रोह को “सुनियोजित स्वतन्त्रता संग्राम” की संज्ञा दी है।
  • आर० सी० मजूमदार के अनुसार ‘यह तथाकथित प्रथम राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम, न तो यह प्रथम, न ही राष्ट्रीय तथा न ही स्वतन्त्रता संग्राम था । ‘ 1857 के विद्रोह के समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड कैनिंग था।
  • 1857 के विद्रोह का राजनीतिक कारण लार्ड वेलेजली की ‘सहायक संधि’ तथा लार्ड डलहौजी की ‘हड़प नीति’ थी।
  • डलहौजी ने तंजौर एवं कर्नाटक के नवाबों की उपाधियाँ खत्म कर दीं। प्रशासनिक कारण भी विद्रोह के लिए जिम्मेदार था। अंग्रेजों ने शुरू से ही प्रशासनिक कार्यों में भेदभावपूर्ण नीति अपनायी।
  • 1857 के विद्रोह में दक्षिण भारत व्यवहारत: शान्त रहा।
  • 1857 के विद्रोह के दो मुख्य कारण थे 1. साम्राज्य विस्तार तथा 2. व्यापार । एक सैनिक विद्रोह के रूप में प्रस्फुटित होने वाले इस विद्रोह को पूर्व कालिक विद्रोहों की तुलना में व्यापक जन समर्थन मिला।
  • विद्रोह का तत्कालिक कारण चर्बी लगा कारतूस का प्रयोग था । ‘विद्रोह की शुरूआत सर्वप्रथम 10 मई को मेरठ छावनी के सैनिकों ने किया।
  • 12 मई को विद्रोहियों ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया तथा निर्वासित मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर को भारत का बादशाह (शहंशाह-ए-हिन्दुस्तान) घोषित कर दिया।
  • सर्वप्रथम 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर के सैनिकों ने चर्बी लगे कारतूसों को
  • प्रयोग करने से मनाहीं कर दी और एक सैनिक मंगल पाण्डे ने अपने एजुटेंट पर आक्रमण कर उसकी हत्या कर दी।

विद्रोही नेता

  • दिल्ली में विद्रोह का नेतृत्व बहादुरशाह जफर, बख्त खां ने किया। कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व नाना साहब, तात्याटोपे ने किया।
  • लखनऊ में बेगम हजरत महल, विरजीस कादिर ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
  • बरेली में खान बहादुर खान ने विद्रोह का नेतृत्व किया। जगदीशपुर (बिहार) में कुंवर सिंह के नेतृत्व में विद्रोह हुआ।
  • झांसी, ग्वालियर- में रानी लक्ष्मीबाई तथा तांत्याटोपे ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
  • इलाहाबाद, बनारस- में विद्रोह का नेतृत्व लियाकत अली ने किया।
  • बम्बई एवं मदास की सेनाएं ब्रिटिश सरकार के प्रति राजभक्त रही। 1857 के विद्रोह में सिख सेना ने अंग्रेजों का साथ दिया।
  • 1857 के विद्रोह के समय पामर्स्टन इग्लैण्ड के प्रधानमन्त्री थे।

विद्रोह का दमन

  • दिल्ली के विद्रोह को समाप्त किया निकलसन एवं हडसन ने
  • लखनऊ एवं कानपुर के विद्रोह को समाप्त किया-कालिन कैम्पबेल।
  • इलाहाबाद एवं बनारस में विद्रोह समाप्त किया-कर्नल नील।
  • झाँसी एवं ग्वालियर के विद्रोह को समाप्त किया- ह्यूरोज ने। बंगाल में विद्रोह सर्वप्रथम 1824 में उभरा जब बैरकपुर की 47वीं रेजीमेंट को वर्मा जाने का आदेश दिया गया।
  • 1857 की क्रान्ति का प्रतीक कमल और रोटी था। 31 मई, 1857 को सैनिकों ने विद्रोह की शुरूआत करने का निश्चय किया हुआ था। किन्तु विद्रोह 10 मई को ही प्रारम्भ हो गया।
  • अंग्रेजों ने विद्रोह का दमन कर 20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर अधिकार कर लिया और मुगल बादशाह बहादुर शाह को रंगून निर्वासित कर दिया।

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